


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनाइटेड किंगडम की एक ऐतिहासिक यात्रा पर लंदन पहुंच चुके हैं, जहां वे आगामी 24 घंटे तक ठहरेंगे। इस दौरान वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 25.5 अरब पाउंड तक की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
ब्रेक्ज़िट के बाद यह ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापार समझौता होगा। यह FTA दोनों देशों के व्यापारिक जगत को बेहतर बाज़ार पहुंच दिलाएगा, जिससे उपभोक्ताओं के लिए कई उत्पाद और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी। समझौते से भारतीय कारोबारियों और उपभोक्ताओं को सबसे अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
कौन-कौन से सामान होंगे सस्ते?
FTA लागू होने के बाद ब्रिटेन से आने वाले पेय पदार्थ, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, लग्ज़री कारें और मेडिकल उपकरणों पर टैरिफ घट जाएगा। सूत्रों के अनुसार औसतन टैरिफ 15% से घटकर 3% हो जाएगा। इससे भारत का निर्यात और अधिक बढ़ेगा। ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार, फिलहाल यूके भारत से 11 अरब पाउंड का आयात करता है, जो इस डील के बाद और बढ़ सकता है। टैरिफ में कटौती के बाद भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन के बाजार में बेहतर अवसर मिलेंगे।
ब्रिटिश उच्चायुक्त के प्रवक्ता ने बताया कि इस ट्रेड डील के बाद यूके के क्लीन एनर्जी सेक्टर को भारत के खरीद बाज़ार तक बेहतर पहुंच मिलेगी। साथ ही, यूके की 26 कंपनियों ने भारत में नए कारोबार की घोषणा की है। एयरबस और रॉल्स-रॉयस जल्द ही भारतीय एयरलाइंस को नए एयरबस विमान सप्लाई करेंगी, जिनमें से आधे से ज़्यादा रॉल्स-रॉयस इंजन से लैस होंगे।
India-UK 2035 विजन होगा लॉन्च
पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान भारत और ब्रिटेन मिलकर India-UK 2035 विज़न की शुरुआत करेंगे। यह विज़न दस्तावेज़ बदलती वैश्विक परिस्थितियों में भारत-यूके संबंधों को नई दिशा देगा। यह व्यापार से आगे बढ़कर नवाचार, समृद्धि, रक्षा सहयोग, जलवायु परिवर्तन से लड़ाई और शिक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देगा।
ब्रिटिश पीएम ने क्या कहा?
भारत-यूके टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव पर हस्ताक्षर को एक साल पूरा होने के अवसर पर दोनों देशों के नेता भविष्य की तकनीकों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी चर्चा करेंगे।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पीएम मोदी के दौरे का स्वागत करते हुए कहा कि भारत के साथ यह व्यापार समझौता ऐतिहासिक है। इससे पूरे ब्रिटेन में हजारों नौकरियां पैदा होंगी, व्यवसायों को नए अवसर मिलेंगे और देशभर में विकास को नई रफ्तार मिलेगी, जिससे ब्रिटेन की परिवर्तन योजना को बल मिलेगा।